शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

विवेकानंद जी पर

भारतीय संस्कृति का अखिल विश्व में परचम जिसने लहराया ईश्वर बसते सेवा में दीनों-रुग्णों के दिखलाया कोटी नमन है उस "विवेक" को पर्याय बने जो भारत के राष्ट्रप्रेम का महामंत्र जनमानस को जिसने बतलाया" सुनिल शर्मा "नील" थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.) 7828927284

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