रविवार, 12 अप्रैल 2020

जो श्रम करके स्वयं के श्रेय को

जो श्रम करके स्वयं के श्रेय को औरों को देता है !
फंसे नैया किसी की जब भी तब आकर के खेता है !
धड़कता है हृदय जिनका सदा परमार्थ की खातिर ,
वो मर जातें है पर यह जग सदा नाम उनका लेता है!!

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