शनिवार, 4 अप्रैल 2020

कलयुग ये दैत्य

मानवता के दूत पर,थूक रहे जो लोग
इनको मृत्युदंड मिले,धरती के ये रोग !
धरती के ये रोग,मिले उपचार न इनको
वे सारे गद्दार,पसन्द भारत न जिनको
कहें नील कविराय,भरी इनमें दानवता
कलयुग के ये दैत्य,नही भाएँ मानवता!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें