शुक्रवार, 6 मार्च 2020

हम वंशज राणा

गजराज जीवन श्वानों का कभी जीया नही करते !
चातक जल धरती का कभी पीया नही करतें !
मिट जाया करतें है हसंते हँसते मातृभूमि के लिए,
हम वंशज राणा के स्वाभिमान से  समझौता किया नही करतें !!

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