सुबह के सर्द मौसम में,लिये जब चाय की प्याली जगाती है मुझे हरदम,बजाकर कान में ताली दरश उनके करूँ जब भी,मुकम्मल तीर्थ होते है दुआ के फूल बाँटे जो,खुशी की "मातु"वह डाली!
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