बुधवार, 10 अक्तूबर 2018

न काँपें हाथ सच लिखने से

मिटा दुःख के अंधेरों को,तू सुख जीवन में भर दे माँ !
है संकट जो भी जीवन में,उसे तू दूर कर दे माँ !
शिखर पर जब कभी पहुँचूँ,तनिक न दर्प छू पाए,
न काँपे हाथ सच लिखने से,तू मुझको ऐसा वर दे माँ !!

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