मंगलवार, 25 सितंबर 2018

बिक नही सकते

जो है नही वैसा कभी दिख नही सकते !
लोभ के वशीभूत होकर बिक नही सकते !
लाख आए मुसीबतें सत्य के पथ में किंतु,
कविता चरनचुम्बन की लिख नही सकते!!

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