गुरुवार, 13 सितंबर 2018

मात-पिता है सबसे बढ़के जग में यह सिखलाया  है!
अपने भक्तों के दुख इसने जड़ से सदा मिटाया
है!
देव बहुत है जगत में लेकिन नही है कोई बाप्पा
सा,
जो भी इसके द्वार गया है न खाली लौटकर
आया है!!

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