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प्रदूषित कर दिया जल को ,जहर वायु में घोला है लहू से मूक जीवों के,रँगा तेरा ये चोला है मिला उपहार कुदरत का ,उसे बरबाद कर बैठा अरे मानव तेरी जिव्हा,सदा ही स्वार्थ बोला है! ☺☺☺☺☺☺☺☺
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