बुधवार, 2 दिसंबर 2015

बेटी पढ़ाएँगे-बेटी बचाएँगे

   "बेटी पढ़ाएँगे-बेटी बचाएँगे"
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मिलकर बेटियों को उनका हक़
दिलाएँगे
भेद से रहित सुंदर वातावरण
बनाएँगे
साकार होगा विकास जब छुएंगी
ये आसमान
आओ मिलकर बेटी पढ़ाएँगे-बेटी
बचाएँगे|
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
02/12/2015
CR

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें