छप्पय छंद-४
*कोरोना*
सुधार के बाद
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चीन देश ले आय, करोना नाम धराए |
बाँटत हावय मौत,जगत ला ये रोवाए ||
मरगे लाखो लोग, करोड़ों घर हे टूटे |
डर के हे माहौल, नौकरी मन हे छूटे ||
बीमारी ये हारही, लड़बो जुरमिल संग रे |
करबो हम कर्तव्य ला, खचित जीतबो जंग रे ||
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सुनिल शर्मा"नील"
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