बुधवार, 7 अप्रैल 2021

छप्पय-2(गर्मी)

छप्पय -2
विषय-गर्मी
●●●●●
गरमी के दिन आय, घाम हर खूब 
जनावय |
सड़क दिखय सुनसान, ठहरना घर मा भावय ||
खोजय सबझन छाँव, पसीना बड़ चुचवावय |
खीरा ककड़ी संग, कलिंदर खूब 
खवावय ||
तरिया नदिया बोर सब, देवत हवय जवाब
अब |
मनखे तुँहर पाप के, होवत हवय हिसाब 
अब |
●●●●●
सुनिल शर्मा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें