मोर पंख
शनिवार, 14 नवंबर 2020
हमें दे दी दिवाली खून से जो खेलकर होली-मुक्तक(विधाता छंद)
लगाया भारती के भाल पर है रक्त की रोली|
किया सीमा सुरक्षित वक्ष पर खातें रहें गोली |
जलाना एक दीपक नाम से ना भूलना उनके,
हमें दे दी दिवाली खून से जो खेलकर होली ||
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