गुरुवार, 21 मई 2020

राम जी के होने का प्रमाण

राम जी के होने का जो मांग रहे थे प्रमाण
सारे पापी आँखें फाड़-फाड़कर देख लें !

जिनके दिमाग में थी वर्षों से धूल जमी
गर्द सारे अपनें वे झाड़कर देख लें !

मंदिर के अवशेष कह रहे चीख-चीख
शंकाओं को सत्य से पछाड़कर देख लें!

कण कण में रमें है अवध में राम मेरे
पत्थरों को चाहे तो उखाड़कर देख लें !!

कवि सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छतीसगढ़)
7828927284

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें