देश के खातिर जीना मरना,सब कुछ है स्वीकार किया ! अपने प्राणों पर खेलें है,सबका है उपचार किया ! पर कुछ घर के गद्दारों ने,नीचों वाला काम किया, जो अधिकारी है फूलों के ,उनपे पत्थर वार किया!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें