शनिवार, 28 सितंबर 2019

मैं तो दिनमान हूँ,,,,

ये अंधेरें मुझे रोक पाएँगे क्या !
कर्मपथ से मुझे ये डिगाएँगे क्या !
मैं तो दिनमान हूँ न रुकूँगा कभी,
बनके बादल मुझे ये छिपाएँगे क्या !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें