शुक्रवार, 2 मार्च 2018

पावन होली पर्व यह


    पावन होली पर्व यह
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पावन होली पर्व यह,देता है संदेश
सबको बाँटे प्रेम हम,रहे न मन में क्लेश

जले द्वेष की होलिका,करें स्वार्थ का नाश
तब ही होगा स्वर्ग का,धरती में आभास

नंगाड़ों के थाप सा,जीवन में हो राग
हो पुनीत सबका चरित्र,रहे न कोई दाग!

पकवानों से हो मधुर,मीठे अपने बोल
छोड़ गठानें हम सभी,मिले दिलों को खोल

नारंगी पीला हरित, विविध उड़ाए रंग
लेकिन उर में हम सदा,रखे "तिरँगा" संग

रखें हमेशा सीमा में,वाहन की रफ्तार
है जीवन अनमोल यह,इससे करना प्यार

शुचिता का परिवेश हो,शुचिता हो संस्कार
शुचिता ही हो ज्ञान में,जीवन का आधार

"नील"कहे सुरापान से,विकृत है व्यवहार
बिना व्यसन के मानिए,यह होली त्यौहार

शत्रु से भी मिल गले,दिलो को लाये पास
रंगों के त्यौहार को,चलो बनाये खास!
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सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया
7828927284
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