सोमवार, 7 अगस्त 2017


कड़ी ये प्यार की हरगिज नही मैं टूटने दूँगा
कभी भी एक पल तुझको नही मैं रूठने दूँगा
रहूँ  चाहे जहाँ भी मैं मुहब्बत कम नही होगी
कभी राखी के बंधन को नही मैं छूटने दूँगा!

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