न तिरँगा,न ही कभी वन्देमातरम को भाया उसने संविधान का चोला ओढ़ गीत कट्टरपंथी गाया उसने उसे शोहरत दी मेरे हिंदुस्तान ने हिमालय से ऊँची अफसोस गद्दार था चेहरा गद्दारी का दिखाया उसने!
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