मेरे सुपुत्र देव.............
आज रश्मि रथ है पर कल अग्नि पथ होगें बेटा !
तुझे हराने को आतुर अनगिनत रथ होगें बेटा !
भूल न जाना कभी तू ,पाठ अभिमन्यु की तरह
संघर्ष मंत्र से ही सफल तुम्हारे मनोरथ होगें बेटा !!
पापा ( सुनिल शर्मा नील )
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