गुरुवार, 3 मार्च 2016

""""नारी""""

""""""""""नारी""""""""""""""
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समाहित है सबमें "नारी"वह
शक्ति है
शबरी का स्नेह तो कभी मीरा
की "भक्ति"है
गंगोत्री है जीवन की जो नमन
मेरा उन्हें 
चिंता में घर के जो करती खुद
से "विरक्ति" है"
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सुनिल शर्मा "नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
04/03/2016

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