सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

एकमामले में मौन

एक मामलें में मौन,दूसरे में बोलतें है
रोतें है वहाँ पे जहाँ दिखे इन्हें वोंट है!

दर्द हाथरस वाला दिखता इन्हें परंतु
करौली के न दिख रहें कोई इन्हें चोंट है!

दोहरेपन वाली जाने कैसी ये सियासत है
जिसमें स्वार्थ का ये कर रहें विस्फोट है!

आप न बताये पर देश ये समझता है
आपके चरित्र में नेताजी बड़ा खोट है!!

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)

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