बुधवार, 4 दिसंबर 2019

राममय छत्तीसगढ़

            राममय छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के हर कण-कण में तन, में मन में
बसतें राम
पर्वत धरा और वृक्षों में  श्वांस श्वांस में
बसतें राम!

माँ कौशिल्या की धरती यह,जनजीवन में
यहाँ के राम
सोंढूर,पैरी,शिवनाथ के ,कल-कल बहते
जल में राम!

राजिम का पावन तट देखो,रतनपुर में
देखो राम
तुरतुरिया के पावनधाम में,दंडकारण्य में
हँसते राम!

लोककला के संगीतों में मांदर के थापों
में राम
रामसप्ताह के दोहों में ,जसगीतों के
लय में राम!

राम यहाँ के अभिवादन में"काठा"के
नापों में राम
"मितानी"की परंपरा में संस्कारों में
राम ही राम!

गर्व राम छत्तीसगढ़ियों के ,मेहनत की
खुशबू में राम
जन्म से लेकर अंतिमयात्रा के कर्मों में
राम ही राम!!

कवि सुनिल शर्मा "नील"
7828927284

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें