मुस्कुराहट से अपनी दुःखों को छलते चलें हम ! काँटो के बीच में भी फूलों सा पलते चलें हम ! मुश्किलें लाख आए बस खुद पे विश्वास छूटने न पाए, मिटेगा अंधेरा गर दीपक सा जलते चलें हम !!
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