बल पर तलवारों के हमने कब किसको मजबूर किया ! गले लगाया सबको हमने कब किसको खुद से दूर किया ! बात आन पर आ जाए तो हम पोरस बन जाते है , वक़्त पड़ा तो पल में ही हमने,दंभ सिकंदरों का चूर किया !!
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