मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

मुक्तक

आज कुछ घर के आधार स्तम्भ "पिता"पर............................
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जिनके पावन चरणों में तीर्थ साक्षात
बसते हो
पाने को जिनका दुलार "नारायण"भी
तरसते हो
कभी न आने पाए आँसू दशरथ के उन
नयनों में
जिनमे अपने राम के खातिर नए स्वप्न नित पलते हो|
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सुनिल शर्मा 'नील'
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छत्तीसगढ़)
7828927284
02/02/2016
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