मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

एक मुक्तक "पिता"पर......

आज कुछ घर के आधार स्तम्भ "पिता"पर............................ 🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃 जिनके पावन चरणों में साक्षात तीर्थ बसते हो पाने को जिनका दुलार "नारायण"भी तरसते हो कभी न आने पाए आँसू दशरथ के उन नयनों में जिनमे सदा राम के हित अनगिनत स्वप्न पलते हो| 🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃 सुनिल शर्मा 'नील' थानखम्हरिया,बेमेतरा(छत्तीसगढ़) 7828927284 02/02/2016 Copyright morepankh.blogspot.com

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