गुरुवार, 27 अगस्त 2015

भाई बहनी के पिरीत के परब राखी

हमर भारतदेस ह तिहार अउ परब के देस हरे|इहा हर नता अउ रिस्ता बर कुछु न कुछ रंग-बिरंगी तिहार हे|इही हमर संस्कीरति के पहिचान घलो आवय|भाई-बहनी के पबरीत नता बर राखी के तिहार हमर भारत म मनाय जाथे| ये परब हमर संस्कीरति अउ संस्कार के महानता ल दिखाथे|ये तिहार ह सावन महीना के सुक्ल पच्छ में मनाय जाथे|ये दिन बहनी ह अपन भाई के जउनी हाथ म राखी के सूत बाँधथे ओखर बदला म भाई जीवन भर बर बहनी ल ओखर रच्छा करे के बचन देथे|भाई बहनी के नता अइसन नता आवय जेमा मया-दुलार,रिसाना-मनाना,संसो-फिकर जम्मो चासनी कस घोराय रहिथे|नानपन ले बहनी अपन भाई संग अंतस ले जुड़े रहिथे|भाई ओखर बर अनसासन के संगेसग मया के छइहा अउ मारगदरसक घलो होथे|सावन आते सात दूकान मन रंग-बिरंगी,आनी-बानी के राखी ले सज जथे अउ बहनी मन अपन दुलरवा भाई बर राखी छांटें बर दूकान म भीड़ लगाय बर सुरु कर देथे|राखी ह एक रूपया ले लेके हजारो रूपया तक मिलथे फेर ये तिहार ह रूपया नहीं भाई-बहनी के मया के सेती जाने जाथे|अइसे केहे जाथे कि रेसम के ताग वाले राखी सबले बने होथे| रेसम बिन राखी ल पूरा नइ माने जाय|राखी ल रच्छासूत घलो कहिथे|रच्छासूत ल जम्मों झन बँधा सकत हे|ए दिन भाई भर बहनी ल राखी नइ बानधय देबी-देवता ल घलो राखी चढ़ाय जाथे|दरवाजा,सायकिल,मोटर,संदूक, चौखट म घलो पाट राखी बांधे जाथे|पंडित महराज मन अपन जजमान ल मोली सूत ल बांधथे अउ रच्छा बर मंतर पढ़थे|भारत के डाक बिभाग राखी भेजे बर बिसेस सेवा सुरु करथे|भाई मन अपन बहनी जेखर बिहाव हो गे हे तेखर करा दुरिहा-दुरिहा राखी बंधवाय बर जाथे|हमर फ़उजी भाई मन ल घलो हजारो राखी जम्मो भारत के कोंटा-कोंटा ले बहनी मन भेजथे|

राखी कइसे मनावय-
एक ठन थारी म सुग्घर स्वास्तिक बनाके ओमा पूजा के जिनिस जइसे फूल,दुबी,चाउर,नरियर,कुंकू-मोली,गुलाल ,दीया रखना चाही|फेर भाई ल पीढ़वा नहीं त सरकी म बइठा के इस्नान करा के कुंकू के तिलक लगा के, फूल चढ़ा के,आरती उतारना चाही ओखर बाद राखी बान्ध के,मुह मीठ कराना चाही अउ नरियर धराना चाही|मुहु ल मीठ मिठइ नहीं ते तसमई ले कराना चाही|चाकलेट के हमर संस्कीरति म कोनो इस्थान नइ हे|भाई ल घलो अपन बहनी ल हो सकय त कुछु चिन्हा देना चाही|राखी बांधे के समय बहनी ल ये मन्त्र ल खच्चित बोलना चाही- "येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः तेन त्वमनुबंधामी रक्षे मा चल,मा चल"||

राखी मनाय के पाछु पौरानिक कथा-
राखी ऊपर कई ठन अड़बड़ सुग्घर कथा निकलथे जेनमा के एक कथा हवय कि एक पइत राक्षत मन के राजा बली ह जब 100 जग पूरा होगे त ओखर बानी सरग बर लगगे|येला देखके राजा इन्दर ल संसो होय ल धर लिस|ओहा भगवान् बिसनु करा जाके एखर उपाय पूछिस त बिसनु भगवान ह वामन के अवतार धर के बली करा ले पहली कदम म सरग,दूसर म पिरिथवी ल मांगीस आख़रीत कदम ल बली ह अपन मुड़ी म रखवाइस अउ पताल म चल दिस|बदला म बली ह बिसनु जी ल 24 घंटा अपन रखवारी करे अउ आँखी आघु म रहे के बर मांगिस|लक्ष्मी दाइ ह नारद ले एखर काट पूछिस त लक्ष्मी दाई ल बली ल राखी बांधे ल कहिस|बली ल लक्ष्मी दाई ह राखी बांधिस अउ बिसनु जी ल मांगिस|अइसने राखी ऊपर कई ठन कथा-कहिनी हावय जेन हमर राखी के महिमा ल बताथे|अइसे कहे जाथे इही दिन ले राखी के नेहे परिस|

राखी अउ तीजा दुनो के भाव एक-
राखी के पाछु-पाछु तीजा घलो आथे जेला बहनी-बेटी के मान के तिहार कहे जाथे|हमर छत्तीसगढ़ी म तीजा कस परब पहली ले गाँव2 मनाय जाथे जेखर ले पता चलते कि छत्तीसगढ़ म बहनी के का महिमा हे|ये तीजा तिहार ह राखी के बाद आथे जेखर अगोरा बहनी मन ल बछर भर ले रहिथे|हमर छत्तीसगढ़ दुनिया के पहली अउ एकलौता परदेस आवय जिहा बहनी के लईकामन(भाँचा-भांची)के पा परे जाथे|काबर कि भगवान राम के माँ के परदेस हमर छत्तीसगढ़ आवय|कौशिल्या इहा के बेटी अउ बहनी हरे|एखर से सिध होथे कि हमर छत्तीसगढ़ म बेटी दुर्गा दाई बरोबर पूजे जाथे|

राखी म परियावरन के रच्छा के परन लय- आज परियावरन के परदूसन अउ कमतियावत रुख-राइ ल देखत हन एखर बर ये जररी हे कि मनखे रुख-राइ ल राखी बांधय अउ ओखर रच्छा करे के परन लय|बिना रुख के मनखे के जिनगी ल सोंचे घलो नइ जा सकय|

राखी उपर बिदेसी संस्कीरति के दुसपरभाव- आजकल हमर हर तिहार कस राखी ह घलो बिदेसी संस्कीरति ले दुसपरभावित होवत जात हे|रेसम के राखी के जघा चाइना राखी ,मिठई अउ तसमई के जघा ल चाकलेट लेवत जात हे|आनी-बानी के फेनसी जिनिस मन तिहार के रंग ल फिक्का करत जात हे|अइसन पबरीत तिहार म अइसन बिदेसी जिनिस के बऊरइ बने नोहय|राखी दिखावा के तिहार नोहय,एहा तो हमर मया के तिहार हरय,अमीर-गरीब जम्मों के तिहार हरय| राखी के सन्देस- राखी इही सन्देस देथे कि हम अपन बहनी भर के नहीं जम्मों बहनी मन के आदर करन अउ उखर मान करन|एक बने मनखे होय के परिचे दन|
"तोरेच बहनी भर म काबर सब म बहनी देख रे काल घलो संग लड़ बहनी बर ओखरो रद्दा छेंक रे"
सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
21/08/2015

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