शुक्रवार, 29 मई 2015

जिनगी के का भरोसा

#जिनगी के का भरोसा# जिनगी के का भरोसा कब सिरा जही तेल के बढ़ात देरी हे दीया बूता जही दुःख-सुख म सबके काम आ रे मनखे इहि जस तोर चोला ला सफल बनाही झन अकड़बे पइसा के गुमान म कभू समय के लाठी परही त सब बदल जही एखर थपेड़ा ले धनमान होथे कंगला किरपा होहीे त कंगला, धनमान बन मजही जुरमिल रईबे त जम्मो दुःख लेबे झेल अजुरहा बर काँकर घलो पहाड़ बन जही अपन बर सब जिथे ,दूसर के घलो सोंच दुःख के नीरस सुरूज हा घलोढल जहि झन फस चारी-चुगली के मेकराजाला म तोर सबो पुन परताप अभीरथा हो जही सुरूज कस नही ,अपन पुरती बर के देख दुनिया के एक दिन अंधियार मिट जही| सुनिल शर्मा देवांगन पारा(शिक्षक कॉलोनी) थान खमरिया,बेमेतरा(छ.ग.) 7828927284 9755554470

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