बुधवार, 27 मई 2015

दाई

#दाई# जिनगी के पहिली भाखा, सबले सजोर साखा आवस दाई| अंधियार म उजास, जेठ म जुड़ हवा के अभास आवस दाई| बंजर म उबजैया बीज, हर नजर ले बचैया ताबीज आवस दाई| ममता के ऊंच अकास, लईका के अटूट बिश्वास आवस दाई| सागर कस बिशाल, चन्दन,चाऊर,रोली,गुलाल आवस दाई| सावन के पहली पानी, त्याग अउ ममता के कहिनी आवस दाई| तीरथ कस पावन, चन्दन-धुप कस ममहावन आवस दाई| गीता के सीख, कुरान के आयत सरीख आवस दाई| जाड़ के कुनकुन घाम, बिहनिया के राम-राम आवस दाई| दया के भंडार, असीस अउ दुआ के उपहार आवस दाई| नोहस माँस-हाड़ भर, नारी चोला म सकल ब्रम्हांड आवस दाई| सरग शोभाहीन, तोर आघु म देवता घलो महीन हे दाई| बेद-पुरान महान, ओखरो ले तेहा परधान आवस दाई| सुनिल शर्मा"नील" थान खमरिया,बेमेतरा(छ.ग.) 7828927284 9755554470 प्रकाशित

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