रविवार, 10 अप्रैल 2022

दुर्मिल सवैया-1

दुर्मिल सवैया प्रयास-1



मनखे तन ला तँय पाय कभू, बिरथा करबे झन काम कका |
कुछ जाय नही परलोक कभू, पइसा गहना अउ चाम कका |
करथे जस तेखर हा रहिथे मरके जग मा बड़ नाम कका |
क्षणभंगुर देंह मिले जप ले, तँय सुग्घर पावन राम कका ||

सुनिल शर्मा 'नील'

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