मंगलवार, 25 अगस्त 2020

शिखर पर भी,-मुक्तक

हवाओं के इशारे पर कभी मचला नही 
करतें !
चलें लाखो डगर लेकिन कभी फिसला नही 
करतें !
जमाने में बहुत कम लोग होतें है यहाँ 
पर जो,
शिखर पर भी पहुँचकर जो कभी बदला
नही करतें !!

(उक्ट 4 पंक्तियाँ समर्पित है ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी व राष्ट्रीय साहित्य  मंच के वटवृक्ष, संरक्षक दद्दू दिनेश जी Dinesh Raghuvanshi जी को उनके जन्मदिन पर दीर्घायु हो,चिरंजीवी हो आप दद्दू,)
कवि सुनिल शर्मा "नील"
प्रदेश महामंत्री
राष्ट्रीय साहित्य मंच(छत्तीसगढ़)

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