सोमवार, 16 अप्रैल 2018

बात आन की हो तो लड़ना,,,,


बात आन की हो तो लड़ना जरूरी होता है
----------------------- 
जब कभी पाप सीमा पार करने लगे
झूठ रह रहकर सत्य पर वार करने लगे
ललकारने लगे आँख दिखा पौरुष को
तब रण में अर्जुन सा अड़ना जरूरी होता है
बात आन की हो तब लड़ना जरूरी होता है!

जब सम्बन्धो पर स्वार्थ भारी होने लगे
रिश्तों को जैसे कोई महामारी होने लगे
सीधापन को समझा जाने लगे नपुंसकता
तब अन्याय को तमाचा जड़ना जरूरी होता है
बात आन की हो तब लड़ना जरूरी होता है!

जब दुनिया लगी हो तुम्हे झुकाने को
छल आकुल हो अपना फन उठाने को
प्रतिभा को धन लगा हो दबाने में
तब बैरी के आंखों में गड़ना जरूरी होता है
बात जब आन की हो तो लड़ना जरूरी होता है!
*************************

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें