रविवार, 7 जनवरी 2018

आँखों से अरमान छीन गया

कितने ही आँखों से उनका अरमान छीन गया
कितने ही शाखों से उनका पहचान छीन गया
जीवनभर के लिए आँसू देकर वह हादसा
कितने ही अधरों से उनका मुस्कान छीन गया!

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