रविवार, 22 मई 2016

मुक्तक

"जीना व्यर्थ है उसका"
*********************************
जनम लेकर के 'मानव' का किसी
के काम न आए
है जीना व्यर्थ ही उसका जिसे पर-
हित नही भाए
भला किस काम की दौलत और
किस काम की शोहरत
जो व्याकुल भूख से मरते को
भोजन दे नही पाए|
*********************************
सुनिल शर्मा"नील"
थान खमहरिया(छ.ग.)
7828927284
22/05/20162
CR

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें