प्राप्तकर आसमां की लाख तू ऊँचाई पर
जमीं से कभी भी जुड़ा रिश्ता न तोड़ना !
तेरे मुखड़े पे खुशी लाने खुदको भूलाया
देख ऐसे मुखड़ों को मुख नही मोड़ना !
प्यार के लिए भूला दे रिश्ते मां बाप के जो
ऐसे प्यार के कभी भी तार नही जोड़ना!
उंगली पकड़के जिन्होंने चलना सिखाया,
बुढापे में उनको वृद्धाश्रम न छोड़ना !!
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