शुक्रवार, 29 मई 2015
जिनगी के का भरोसा
#जिनगी के का भरोसा#
जिनगी के का भरोसा कब सिरा जही
तेल के बढ़ात देरी हे दीया बूता जही
दुःख-सुख म सबके काम आ रे मनखे
इहि जस तोर चोला ला सफल बनाही
झन अकड़बे पइसा के गुमान म कभू
समय के लाठी परही त सब बदल जही एखर थपेड़ा ले धनमान होथे कंगला
किरपा होहीे त कंगला, धनमान बन मजही
जुरमिल रईबे त जम्मो दुःख लेबे झेल
अजुरहा बर काँकर घलो पहाड़ बन जही
अपन बर सब जिथे ,दूसर के घलो सोंच
दुःख के नीरस सुरूज हा घलोढल जहि
झन फस चारी-चुगली के मेकराजाला म
तोर सबो पुन परताप अभीरथा हो जही
सुरूज कस नही ,अपन पुरती बर के देख
दुनिया के एक दिन अंधियार मिट जही|
सुनिल शर्मा
देवांगन पारा(शिक्षक कॉलोनी)
थान खमरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470
नान्हे कहिनी:धन होगे माटी(अनुवाद)
एक दिन कुम्हार ह माटी ल सानके चिलम बनावत रहिसे|चिलम बनावत -बनावत जाने कुम्हार ल काय सुझिस कि ओहा ओ चिलम ल मिझार दिस अउ ओ माटी ल सानके चाक ऊपर चढ़ा के मरकी बनाय लागिस|चाक ऊपर माटी ल चघाएच रिहिसे कि माटी बोले लागिस-"मेहा माटी बनके धन-धन होगेव कुम्हार बाबू तोर जय होवय"|कुम्हार माटी ल पूछिस कि तय कइसे धन-धन होगेव कहिथस वो माटी?
ता माटी कहिस कि मोल चिलम कोनो बनाये रहितेस कुम्हार बाबू त खुद जरतेव् अउ दूसर के छाती ल घलो जरोतेव अब तय मोला मरकी बनाबे त खुद जुड़ाहु अउ मोर मरकी के जउन पानी पिही तेखरो छाती ल जुडोहु|कुम्हार के आँखी म माटी के गोठ ल सुन आँसू भर गे अउ ओ दिन ले ओहा चिलम नइ बनाय के प्रन ले डरिस|
सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470
बुधवार, 27 मई 2015
दाई
#दाई#
जिनगी के पहिली भाखा,
सबले सजोर साखा आवस दाई|
अंधियार म उजास,
जेठ म जुड़ हवा के अभास आवस दाई|
बंजर म उबजैया बीज,
हर नजर ले बचैया ताबीज आवस दाई|
ममता के ऊंच अकास,
लईका के अटूट बिश्वास आवस दाई|
सागर कस बिशाल,
चन्दन,चाऊर,रोली,गुलाल आवस दाई|
सावन के पहली पानी,
त्याग अउ ममता के कहिनी आवस दाई|
तीरथ कस पावन,
चन्दन-धुप कस ममहावन आवस दाई|
गीता के सीख,
कुरान के आयत सरीख आवस दाई|
जाड़ के कुनकुन घाम,
बिहनिया के राम-राम आवस दाई|
दया के भंडार,
असीस अउ दुआ के उपहार आवस दाई|
नोहस माँस-हाड़ भर,
नारी चोला म सकल ब्रम्हांड आवस दाई|
सरग शोभाहीन,
तोर आघु म देवता घलो महीन हे दाई|
बेद-पुरान महान,
ओखरो ले तेहा परधान आवस दाई|
सुनिल शर्मा"नील"
थान खमरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470
प्रकाशित
मंगलवार, 26 मई 2015
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