मंगलवार, 25 सितंबर 2018

बिक नही सकते

जो है नही वैसा कभी दिख नही सकते !
लोभ के वशीभूत होकर बिक नही सकते !
लाख आए मुसीबतें सत्य के पथ में किंतु,
कविता चरनचुम्बन की लिख नही सकते!!

गुरुवार, 13 सितंबर 2018

मात-पिता है सबसे बढ़के जग में यह सिखलाया  है!
अपने भक्तों के दुख इसने जड़ से सदा मिटाया
है!
देव बहुत है जगत में लेकिन नही है कोई बाप्पा
सा,
जो भी इसके द्वार गया है न खाली लौटकर
आया है!!

मंगलवार, 4 सितंबर 2018

तीजा पर कविता

पति के कारण निर्जला रहती माताएं आज!
करती "शिवगौरा"पूजन करके श्रृंगारिक साज!
नही मांगती खुद खातिर मांगती केवल इतना ही,
सदा सजे मेरी मांग पर प्रभु मेरे सुहाग का ताज!!