जिधर देखो उधर आतंक का फैला कहर यारों !
सुरक्षित है नही इनसे कोई गाँव-शहर यारों !
कहूँ कैसे भला भाई उन्हें जो देश को फूँके ,
फिजाओं में जिन्होंने देश के घोला जहर यारों !!
रविवार, 22 दिसंबर 2019
कहूँ कैसे भला भाई उन्हें,,,,
रविवार, 15 दिसंबर 2019
जामिया या हो बंगाल new
दिल्ली को डराने वाले,गुंडों को पकड़कर
शीघ्र इन पागलों को उपचार दीजिए !
जिनको चढ़ा बुखार,उपद्रव करने का
उनके सिरों के ज्वर को उतार दीजिए!
सड़कों पे भीड़ से जो दंगे करवा रहे है
ऐसे राजनेता को जूते हजार दीजिए !
जामिया या हो बंगाल जहाँ भी देशद्रोही दिखे
उनको पकड़ सीधे गोली मार दीजिए!!
कवि सुनिल शर्मा"नील"
7828927284
सर्वाधिकार सुरक्षित
जामिया या हो बंगाल
दिल्ली को डराने वाले,श्वानों को पकड़कर
शीघ्र इन पागलों को,उपचार दीजिए !
चढ़ा हुआ जिन्हें ज्वर,उपद्रव करने का
उनके सिरों से ये ज्वर उतार दीजिए!
सड़कों पे भीड़ से जो,दंगे करवा रहे है
ऐसे राजनेता को,जूते हजार दीजिए !
जामिया या हो बंगाल,जहाँ भी देशद्रोही दिखे
उनको पकड़ सीधे,गोली मार दीजिए!!
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मंगलवार, 10 दिसंबर 2019
गोंडवाना वीर नारायण को प्रणाम है,,,
गोरों के विरुद्ध जहाँ फूँका गया था बिगुल
सोनाखान के हरेक कण को प्रणाम है!
शौर्य देख जिनका थी,भारती भी मुसकाई
वीरता के उस हर क्षण को प्रणाम है!
भूख व अकाल से थी,प्रजा हुई तप्त तब
अन्न को खिलाने वाले प्रण को प्रणाम है!
भारती के रक्षा हेतु बलिदान होने वाले
गोंडवाना वीर नारायण को प्रणाम है!!
शनिवार, 7 दिसंबर 2019
पापियों में मैगजीन भरना जरूरी है
न्यायपालिका की खाक,छानके जो
थक गए
पीर उन पीड़ितों की,हरना
जरूरी है!
हाल जो हुआ दिशा के,आतताइयों
का वही
निर्भया के दोषियों का,करना
जरूरी है!
फाइलों में दबनें न,पाए बेटियों
की चीख
पापियों में मैगजीन,भरना
जरूरी है !
बेटियों के अस्मतों से,खेलते है
आए दिन
उनसे कहो कि अब,डरना
जरूरी है !!
शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019
सज्जनवार होना चाहिए
हौसले बुलंद जब पापियों के होने लगे
तब एक वार जोरदार होना चाहिए !
कलियों की जिंदगी को जो जलातें सड़को पे
जिंदगी में उनके भी खार होना चाहिए !
न्यायपालिका से जब घिस जाए चप्पलें तो
एनकाउंटर न्याय का आधार होना चाहिए !
भारत की बेटियों की एकमत मांग यही
चौकी में हरेक सज्जनवार होना चाहिए !!
बुधवार, 4 दिसंबर 2019
राममय छत्तीसगढ़
राममय छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के हर कण-कण में तन, में मन में
बसतें राम
पर्वत धरा और वृक्षों में श्वांस श्वांस में
बसतें राम!
माँ कौशिल्या की धरती यह,जनजीवन में
यहाँ के राम
सोंढूर,पैरी,शिवनाथ के ,कल-कल बहते
जल में राम!
राजिम का पावन तट देखो,रतनपुर में
देखो राम
तुरतुरिया के पावनधाम में,दंडकारण्य में
हँसते राम!
लोककला के संगीतों में मांदर के थापों
में राम
रामसप्ताह के दोहों में ,जसगीतों के
लय में राम!
राम यहाँ के अभिवादन में"काठा"के
नापों में राम
"मितानी"की परंपरा में संस्कारों में
राम ही राम!
गर्व राम छत्तीसगढ़ियों के ,मेहनत की
खुशबू में राम
जन्म से लेकर अंतिमयात्रा के कर्मों में
राम ही राम!!
कवि सुनिल शर्मा "नील"
7828927284
देखो फिर से आई होली
देखो फिर से आई "होली"
भेदभाव का करें शमन यह संदेशा
लाई होली
रंगप्रीत से रंग दो सबको देखो फिर से
आई होली!
पके अन्न के मीठे दानें,बौराई अमियाँ
की झोली
कोयल रात बिरात कूकती मीठा तू भी
बोल रे बोली!
हरें,नारंगी ,लाल व पीले कितने रंग ले
आई होली
अंदर बाहर ऊपर नीचें खुशियाँ बनकर
छाई होली!
वृंदावन में छा गई मस्ती,राधा की भी
भीगी चोली
कान्हा दौड़ें ले पिचकारी,संग संग गोपों
की टोली!
नील कहें प्रतीक व्यसन का कभी न बनने
पाए होली
हर्ष,उमंग,उत्साह,प्रेम से बस पहचानी
जाए होली11
कवि सुनिल शर्मा "नील"
7828927284
निर्भया की पीड़ा
निर्भया की पीड़ा
शर्मसार हुई है मानवता फिर अबला के
चित्कारो से
फिर हुई है शिकार कोई वासना के कुत्सित
विकारों से!
उजड़ गया है आज फिर किसी बेटी का
चमन
जीते जी आज हार गया है फिर किसी
का जीवन!
वह रोती गिड़गिड़ाती और चिखती रही पर न
जागी दैत्यों की चेतना
कैसे कहूँ कहा नही जाता उस अबला की
मुझसे वेदना!
सन्नाटे की हरेक आहट से घबरा जाया
करती है
भय के कारण कोने में डरकर सिमट जाया
करती है!
वो भयावह मंजर अक्सर उसे डराया
करतें है
गंदी मानसिकता के चलचित्र दिखाया
करतें है!
झूल रही है जिंदगी उसकी अस्पताल
में
गूंजा करते थे हँसी कभी घर के दीवाल
में!
बाबा की आंखें पाषाण और माँ के कंठ
अवरुद्ध है
द्रौपदी के चिर बचाने वाले कन्हैया वे आपपर
भी क्रुद्ध है!!
कवि सुनिल शर्मा "नील"
7828927284
मंगलवार, 3 दिसंबर 2019
शस्त्र भी दिलाइए,,,,
हर गली घूम रहे,दुशासनों के है झुंड
बहु और बेटियों को,इनसे बचाइए !
चीर को बचाने नही,आएंगे गोविंद अब
आत्मरक्षा हेतु उन्हें,सबल बनाइए!
अबला नही है नारी,दुर्गा का रूप है वें
बालपन से उन्हें ये,घुट्टियाँ पिलाइए!
महँगे दिलाये सेल,उनको परन्तु आप
संग-संग कोई उन्हें,शस्त्र भी दिलाइए!!