न्यायपालिका की खाक,छानके जो
थक गए
पीर उन पीड़ितों की,हरना
जरूरी है!
हाल जो हुआ दिशा के,आतताइयों
का वही
निर्भया के दोषियों का,करना
जरूरी है!
फाइलों में दबनें न,पाए बेटियों
की चीख
पापियों में मैगजीन,भरना
जरूरी है !
बेटियों के अस्मतों से,खेलते है
आए दिन
उनसे कहो कि अब,डरना
जरूरी है !!
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