बनी अधरों की है मुस्कान देखो फिर से इक बेटी! बनी हम सबका है अभिमान देखो फिर से इक बेटी! इन्हें बोझा समझकर मारने वालों जरा देखो, तिरंगे का बनी है शान देखो फिर से इक बेटी!!