सुनियोजित लगता हमें,देश में शाहीनबाग !
देशद्रोह का काम है,नाहक जिद की
राग !!
रविवार, 23 फ़रवरी 2020
शनिवार, 22 फ़रवरी 2020
हमें ट्रम्प जैसा मूर्ख
माता भारती का चित्र बना हुआ हो विचित्र
हमें कोई ऐसा कभी चित्र नही चाहिए !
जिस इत्र को लगाके हो जाए बीमार हम
हमको कभी भी ऐसा इत्र नही चाहिए !
जिस सूत्र के प्रयोग से न मिले कोई हल
ऐसा हमें कभी कोई सूत्र नही चाहिए ,
दोस्त कह दोस्त के ही,माँ को अपशब्द कहे
हमें ट्रंप जैसा मूर्ख मित्र नही चाहिए !!
शनिवार, 15 फ़रवरी 2020
पतित था मैं बहुत तुमने मुझे,,,,,
कुरूपता को मिटा मुझको है मनभावन बना डाला !
मेरे जीवन को तपते जेठ से सावन बना डाला !
उठाकर पथ से इस पत्थर को देकर प्रीत को अपने ,
पतित था मैं बहुत तुमने मुझे पावन बना डाला !
कभी कोई बाँटकर नफरत,,,
अंधेरे के सहारे न कोई कभी जीत
पाएगा !
रखेगा भेद जो मन में नही वह मीत
पाएगा!
जो बांटोगे यहाँ पर प्रेम राज उसका
सदा होगा,
कभी कोई बाँटकर नफरत नही यहाँ प्रीत
पाएगा !!
कभी पुलवामा की कहानी मत भूलना
खण्ड खण्ड हो गए जो,भारती के रक्षाहेतु
भूलके भी उनकी निशानी नही भूलना!
जिन परिवारों के बुझे चिराग राष्ट्र हेतु
कभी उन नयनों के पानी मत भूलना !
प्रेयसी के केश नही,देश हेतु जिए सदा
ऐसे रणवीरों की जवानी नही भूलना!
सबकुछ भूलजाना तुम मेरे मित्र पर
कभी पुलवामा की कहानी नही भूलना!!
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020
खण्ड खण्ड हो गए जो,भारती के रक्षाहेतु
भूलके भी उनकी निशानी नही भूलना
वीरता की तुम वो कहानी नही भूलना !
जिन परिवारों के बुझे चिराग राष्ट्र हेतु
कभी उन नयनों के पानी मत भूलना !
प्रेयसी के केश नही,देश हेतु जिए सदा
ऐसे रणवीरों की जवानी नही भूलना!
सबकुछ भूलजाना तुम मेरे मित्र पर
कभी पुलवामा की कहानी नही भूलना