खण्ड खण्ड हो गए जो,भारती के रक्षाहेतु
भूलके भी उनकी निशानी नही भूलना
वीरता की तुम वो कहानी नही भूलना !
जिन परिवारों के बुझे चिराग राष्ट्र हेतु
कभी उन नयनों के पानी मत भूलना !
प्रेयसी के केश नही,देश हेतु जिए सदा
ऐसे रणवीरों की जवानी नही भूलना!
सबकुछ भूलजाना तुम मेरे मित्र पर
कभी पुलवामा की कहानी नही भूलना
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