मोर पंख
शनिवार, 29 अगस्त 2020
मज़्ज़ा
अस्थिमज्जा अरु रूधिर, होंगे सभी निरोग
प्रतिदिन प्रातः काल मे,अगर करेंगे योग
बुधवार, 26 अगस्त 2020
बुद्ध दिया है-छंद
आवाजें आएंगी उनके घर में केवल
क्रंदन की !
कंकड़ भी ना लेने देंगे हम इस धरती
पावन की!
बुद्ध दिया है युद्ध पड़ोसी चाहे तो दे
देंगे हम,
सेना को राफेल मिला है खैर नही अब दुश्मन की !
कवि सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
मंगलवार, 25 अगस्त 2020
शिखर पर भी,-मुक्तक
हवाओं के इशारे पर कभी मचला नही
करतें !
चलें लाखो डगर लेकिन कभी फिसला नही
करतें !
जमाने में बहुत कम लोग होतें है यहाँ
पर जो,
शिखर पर भी पहुँचकर जो कभी बदला
नही करतें !!
(उक्ट 4 पंक्तियाँ समर्पित है ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी व राष्ट्रीय साहित्य मंच के वटवृक्ष, संरक्षक दद्दू दिनेश जी Dinesh Raghuvanshi जी को उनके जन्मदिन पर दीर्घायु हो,चिरंजीवी हो आप दद्दू,)
कवि सुनिल शर्मा "नील"
प्रदेश महामंत्री
राष्ट्रीय साहित्य मंच(छत्तीसगढ़)
दोहा-बातचीत
रूठों अपनों से मगर, बंद न हो संवाद
बातचीत से ही मिले, सम्बन्धों को खाद!!
कुंडलियाँ-जिन पर उसे घमंड था
जिन पर उसे घमंड था,कोई दिए न साथ
आज दुःखी है सोंचकर,रख माथे पर हाथ
रख माथे पर हाथ,मुसीबत ने सिखलाया
उसका अपना कौन,और है कौन पराया
कहे नील कविराय,पड़े बिस्तर जब पापा
असली सच्चाई,है क्या उसने ये भाँपा!!
कवि सुनिल शर्मा नील
थान खम्हरिया
न्यायालय में राम के,,,
पापों का घट एकदिन,जाता ही है फूट
न्यायालय में राम के,नही पाप की छूट!!
सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया(छत्तीसगढ़)
रविवार, 23 अगस्त 2020
नारायण के न्याय-दोहा
नारायण के न्याय पर,रखतें जो विश्वास
उन भक्तों को वें कभी,करतें नही निराश
शनिवार, 22 अगस्त 2020
कोरोना
विपत पड़ी भारी प्रभो,जग में मची पुकार
कोरोना के दैत्य का,करिए अब संहार!!
कवि सुनिल शर्मा नील
शुक्रवार, 21 अगस्त 2020
दोहा-ईश्वर का न्याय
सृजन सरोवर
22/08/2020
काटें बोकर कोई न,पाता यहाँ रसाल
क्यों ईश्वर के न्याय पर,करता मनुज सवाल!!
कवि सुनिल नील
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
पति पत्नि-कुंडलियां
गाड़ी जीवन की तभी,चलती है निर्बाध
पति-पत्नी के मध्य में,जब हो प्रेम अगाध
जब हो प्रेम अगाध,परस्पर समझ हो गहरी
फिर कैसी चिंता,देहाती हो या शहरी
रिश्तें मांगें विश्वास,नही पैसे और साड़ी
बात रखो जो ध्यान,चलेगी शान से गाड़ी!!
कुंडलियां-चक्की
चक्की है जीवन अगर,पति-पत्नी है हाथ
चलती यह चक्की तभी,जब हों दोनो साथ
जब हो दोनों साथ,पीसेगा बारिक आटा
सहेंगे सुख दुख को,लाभ हो चाहे घाटा
कहे नील कविराय,बात मैं कहता पक्की
रखें परस्पर प्रेम,चलेगी बरसों चक्की!!
सुनिल शर्मा नील
थान खम्हरिया
गुरुवार, 20 अगस्त 2020
संगत में,,,,दोहा
संगत में जी आपके,लागा ऐसा रोग
दोहा सृजन बिना किए,स्वाद न आए भोग
दोहा
21/08/2020,,,
सृजन सरोवर
जप पूजा करतें मगर,नही बड़ों का मान
ऐसे पूजा जाप का,अर्थ नही श्रीमान !!
कवि सुनिल नील
बेमेतरा(छत्तीसगढ़)
सोमवार, 10 अगस्त 2020
हर माइक वाले को
गली के गुंडे को सरकार मत समझना !
साहिल को भूलके मझधार मत समझना !
माइक होते है दलालों के भी हाथों में,
हर माइकवाले को पत्रकार मत समझना!!
बौने
सिंह समझ बैठा मृगछौने निकले तुम !
चाबी से चलने वाले खिलौने निकले तुम !
हमारे कत्ल को तुम खंजर छुपाए रहे
बड़ा समझा तुम्हे किरदार से बौने निकले तुम!!
रविवार, 9 अगस्त 2020
सीमाएं है घाव
मानवता के वक्ष पर,सीमाएं है घाव
यहाँ युद्ध के खेल के,खेले जाते दाव
खेले जाते दाव, लाभ किसको है होता
खोते दोनो पक्ष,सदा दुःख ही यह बोता
खींचो नही लकीर,मनुज करके दानवता
स्वजनों को ले छीन,रौंदकर जो मानवता!!
कवि सुनिल शर्मा "नील"
7828927284
शुक्रवार, 7 अगस्त 2020
प्रेम दोहा
चितवन में जबसे बसा,परदेशी मनमीत
मनभावन मुझको लगे,प्रेम प्यार के गीत!!
बहन से वादा
बहन से वादा
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कड़ी ये प्यार की हरगिज ,नही मैं टूटने दूँगा
कभी भी एक पल तुझको ,नही मैं रूठने दूँगा
निभाऊंगा वचन बहना मैं अपने प्राण देकर भी
कभी राखी के बंधन को, नही मैं छूटने दूँगा!
सुनिल शर्मा नील
बुधवार, 5 अगस्त 2020
रघुवीर ऐसी युक्ति तुम
मिले पढ़कर सदा उद्धार सबको
ऐसी सूक्ति तुम !
छुअनभर से अहिल्या को मिली थी
ऐसी मुक्ति तुम !
जटायु हो या शबरी हो या केवट सबने
ये माना,
बनादे सबके बिगड़े काम "रघुवर"
ऐसी युक्ति तुम !!
मंगलवार, 4 अगस्त 2020
रामराम रांममय पूरा देश हो गया
साधारण या विशेष,बीजेपी या कांग्रेस
लग रहा देश का सम्पूर्ण क्लेश खो गया !
पिछले बरस अनुच्छेद टूटा आज ही था
आज का दिवस फिर से विशेष हो गया!
रामलला वनवास काटकर लौट रहे
हर्षित पुलकित परिवेश हो गया
भगवा के रंग में रंगा है जमीं आसमान
राम राम राममय पूरा देश हो गया !!
सोमवार, 3 अगस्त 2020
महत्ता रेशमी डोरी की हरगिज,,
करो वादा किसी बहना की आँखें नम न हो पाए !
तेरे कारण किसी को इस जहाँ में गम न हो पाए !
मैं राखी पर मेरे भैया यही बस मांगती तुझसे,
"महत्ता" रेशमी डोरी की हरगिज कम न हो पाए !!
रविवार, 2 अगस्त 2020
राममंदिर बनेगा अब न्यारा है,,,
जिस रामनाम से मिली थी आपको ये सत्ता
उस रामनाम को न आपने बिसारा है !
सवा सौ करोड़ लोग आशा पाल रखें थे जो
उन आशाओं पे खरा स्वयं को उतारा है !
बात मन की सुनाने वाला देश का प्रधान
जनता के नयनों का बना प्राण प्यारा है !
वर्षों से बैठे हुए तिरपाल में थे प्रभो
भव्य राममंदिर बनेगा अब न्यारा है !!
कवि सुनिल शर्मा "नील"
थानखम्हरिया(छत्तीसगढ़)
8839740208
शनिवार, 1 अगस्त 2020
दमदार दिल्ली
गिदड़भभकी वाले सब,बंद हुए है खेल
जबसे रण में आ गया,भारत का राफेल
भारत का राफेल,जिसे लड़ना है आए
किसमें कितनी शक्ति,जगत को आज दिखाए
बनते थे जो शेर,पड़ोसी बने है बिल्ली
कितने बरसो बाद,लगी दमदार है दिल्ली!!
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