मोर पंख
शुक्रवार, 21 अगस्त 2020
कुंडलियां-चक्की
चक्की है जीवन अगर,पति-पत्नी है हाथ
चलती यह चक्की तभी,जब हों दोनो साथ
जब हो दोनों साथ,पीसेगा बारिक आटा
सहेंगे सुख दुख को,लाभ हो चाहे घाटा
कहे नील कविराय,बात मैं कहता पक्की
रखें परस्पर प्रेम,चलेगी बरसों चक्की!!
सुनिल शर्मा नील
थान खम्हरिया
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