मोर पंख
बुधवार, 5 अगस्त 2020
रघुवीर ऐसी युक्ति तुम
मिले पढ़कर सदा उद्धार सबको
ऐसी सूक्ति तुम !
छुअनभर से अहिल्या को मिली थी
ऐसी मुक्ति तुम !
जटायु हो या शबरी हो या केवट सबने
ये माना,
बनादे सबके बिगड़े काम "रघुवर"
ऐसी युक्ति तुम !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें