मोर पंख
मंगलवार, 25 अगस्त 2020
कुंडलियाँ-जिन पर उसे घमंड था
जिन पर उसे घमंड था,कोई दिए न साथ
आज दुःखी है सोंचकर,रख माथे पर हाथ
रख माथे पर हाथ,मुसीबत ने सिखलाया
उसका अपना कौन,और है कौन पराया
कहे नील कविराय,पड़े बिस्तर जब पापा
असली सच्चाई,है क्या उसने ये भाँपा!!
कवि सुनिल शर्मा नील
थान खम्हरिया
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