मोर पंख
गुरुवार, 28 अप्रैल 2022
सुंदरी सवैया-एकता
अँगरी धरके सुख मा दुख मा हम संग सबो मिलके बढ़बो जी |
तजबो मन ले इरखा अउ भेद मया सदभाव
चलो पढ़बो जी |
खँचवा डबरा सब पाट हमू यश के फुलगी मिलके चढ़बो जी |
सब ला अधिकार मिले अइसे हम भारत एक नवा गढ़बो जी ||
सुनिल शर्मा नील
थानखम्हरिया
शनिवार, 23 अप्रैल 2022
सुंदरी सवैया 1- जल
हर बूँद हवै अनमोल कहै कवि नील सुनौ जल हे जिनगानी |
बिरथा बरबाद करौ झन आप तजौ अभिमान तजौ मनमानी |
बिन एखर शून्य हवै धरती मिलके सब आप बचावव पानी |
तड़पे भुइयाँ कहिथे सुन लौ मनखे मत आप बनौ अगियानी ||
*सुनिल शर्मा*
*थान खम्हरिया*
गुरुवार, 21 अप्रैल 2022
कमलेश,नारंग
कमलेश नारंग के मौत पे रहेंगे मौन
अख़लाक़ पर किंतु आँसू ये बहाएँगे |
कभी सैनिकों के शौर्य का प्रमाण माँगेंगे तो
कभी कश्मीर को ये पाक का बताएँगे |
पंडितों के दर्द पर करेंगे ये अट्टहास
राम जी के मंदिर पे प्रश्न ये उठाएँगे |
नेताजी के चेहरे में पन्नू के ये मोहरे है
स्वार्थ की सुनामी में ये देश डूबा जाएँगे ||
सुनिल शर्मा नील
रविवार, 10 अप्रैल 2022
दुर्मिल सवैया-1
दुर्मिल सवैया प्रयास-1
मनखे तन ला तँय पाय कभू, बिरथा करबे झन काम कका |
कुछ जाय नही परलोक कभू, पइसा गहना अउ चाम कका |
करथे जस तेखर हा रहिथे मरके जग मा बड़ नाम कका |
क्षणभंगुर देंह मिले जप ले, तँय सुग्घर पावन राम कका ||
सुनिल शर्मा 'नील'
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