जब तक गूँज रहे भारत में स्वर करुणा के क्रंदन के ।
जब समारोह आयोजित आतंकी अभिनंदन के ।
जब तक सत्यम शिवम सुन्दरम के /पीड़ित हैं अनुयायी ।
तब तक कलम नहीं लिख सकती गीत पायलिया कंगन के ।
शुक्रवार, 31 मार्च 2017
पायलिया,कंगन के
गुरुवार, 23 मार्च 2017
लिख दूँ कैसे तुम्ही
***************************************
जब तक गुंजित होते हो स्वर जनगणमन के
क्रंदन के
जब तक ज़िंदा है भारत में सुर आतंकी
वन्दन के
सैनिक के जब गिरेबान तक हाथ कोई
लहराते हो
लिख दूँ कैसे तुम्ही बताओ गीत पायलिया,
कंगन के
********************************
कवि सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
रचना-23/03/2017
Copyright
मंगलवार, 21 मार्च 2017
जबसे तुमको,,,,
जबसे तुमको मेहरबान पा
लिया है
मानो परिन्दे ने आसमान पा
लिया है
सूखे अरमान हरे होने लगे
है
चमन ने अपना बागबान पा
लिया है
शुक्रवार, 17 मार्च 2017
अक्षय कुमार के सुकमा के शहीदों को 1 करोड़ आठ लाख दान करने पर उन्हें नमन करती मेरी रचना,,,,,,,
बुधवार, 15 मार्च 2017
डरना न आफरीन
यह तालिबान नहीं,मेरा हिंदुस्तान है
परिन्दों का सबसे प्यारा आसमान है
डरना न आफरीन फतवों से कभी तुम
उड़ते रहने से जग में तेरी पहचान है|
मंगलवार, 7 मार्च 2017
चाहूँ मै रंगना तुमसे ,,,,
-----------------------------
हाथों में है रंग सभी के,खुद को कहाँ
छुपाऊँ रे
चाहूँ रँगना तुमसे ही मैं ,किस किस को
समझाऊँ रे
रंग न जाए कोई दूजा,कान्हा अब तो
आ जाओ
भंग पिए सब रंग लगावत,कैसे बचकर
जाऊँ रे
----------------------------
सुनिल शर्मा"नील"
7828927284
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
सोमवार, 6 मार्च 2017
क्यों होता गुमराह-दोहा
*****************************
ढूँढा करते है जिसे,इतउत लेकर चाह
रहता मन में ही कहीं,क्यों होता गुमराह!
*******************************
सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया(छत्तीसगढ़)
7828927284
नशा फोन का,,,,,,,
******************************
रावण रूप बदलकर वापस आया है
घर घर में अपनी माया फैलाया है
रिश्तें घायल है उसकी दानवता से
सबके ऊपर नशा फोन का छाया है|
******************************
सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
06/03/2017
CR
रविवार, 5 मार्च 2017
रावण नाम बदलकर
बचपन घायल है
*******************************
रावण नाम बदलकर वापस आया है
घुसकर रिश्तों में एकाकी लाया है
बचपन घायल है उसके दानवता से
संबंधों में तीखा जहर मिलाया है
********************************
सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
कॉपीराइट
06/03/२017
बुधवार, 1 मार्च 2017
देशद्रोह के
देशद्रोह के हर बार......
*******************************
खिलाड़ी वही है,मोहरें बदल जाते है
बारात वही है,सेहरे बदल जाते है
लगाने आग मेरे भारत के शान्ति में
देशद्रोह के हरबार चेहरे बदल जाते है!
*******************************
सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
CR
01/03/2017