गोरों के विरुद्ध जहाँ फूँका गया था बिगुल
सोनाखान के हरेक कण को प्रणाम है!
शौर्य देख जिनका थी,भारती भी मुसकाई
वीरता के उस हर क्षण को प्रणाम है!
भूख व अकाल से थी,प्रजा हुई तप्त तब
अन्न को खिलाने वाले प्रण को प्रणाम है!
भारती के रक्षा हेतु बलिदान होने वाले
गोंडवाना वीर नारायण को प्रणाम है!!
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